siramtoli flyover ramp ;जिला प्रशाशन द्वारा सविधान का दूरउपयोग
siramtoli flyover ramp ;रांची राजधानी में जिला प्रशासन द्वारा सविधान का दूरउपयोग करने का आरोप लगाया गया। रात को 11 बजे सिरमटोली रेम्प में फिर से काम कराने का खबर निकल कर सामने आ रही है।

सिरमटोली सरना अस्थल रांची में विवाद फिर से सुरु हो गया है। जिला प्रसाशन द्वारा बीते रात को 11 बजे से सिरमटोली फ्लाईओवर में फिर से काम करने के लिए पहुंचे। उसके बाद जैसे ही खबर आदिवासी संगठन के पास पहुंची वैसे ही सभी आदिवासी संगठन लोग केंद्रीय सरना अस्थल सिरमटोली पहुंचे और काम को रोकवाने का प्रयाश किया । बीते दिनों ही सिरमटोली सरना अस्थल के पास ढेरो मटेरियल गिराया गया और भारी संख्या में जवान बल को तैनात कर के काम को सुरु करवाया गया। आदिवासी संगठनों द्वारा काम को रोकवाने की कोसिस करने वाले अगुआ को हिरासत में ले लिया गया फिर उसके बाद उनको छोड़ दिया गया। आज के दिन फिर से सरना अस्थल के पास भरी संख्या में आदिवासी संगठन एकत्रित होने की संभावना है। फ्लाई ओवर रेम्प के कार्य `में भारी संख्या में पुलिस बल लगा कर कार्य को किया जा रहा है ऐसा मनो ये कार्य पुलिस द्वारा किया जा रहा है। पुलिस बल ने जो रास्ता रेम्प के पास आता है उसको पूरी तरह से घेर लिया है। उस रेम्प निर्माण के अंदर मीडया कर्मी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। मीडिया कर्मियों द्वारा SDO पर आरोप लगया गया है की SDO ने मिडिया कर्मियों के साथ बदसुलूकी की। लोकतंत्र 19 की डायरेक्टर का मोबाइल तक छीन लिया गया। किसी भी मिडिया कर्मी लोगो भी रेम्प कार्य का कवरेज नहीं करने नहीं दिया जा रहा है

आदिवासियो का संघर्ष
siramtoli flyover ramp को लेकर आदिवासी बीते 4 महीने से लगातार संघर्ष कर रहे है। आदिवासी लोगो के द्वारा अलग अलग प्रकार के प्रदर्शन कर के अपनी आवाज को सरकार तक पहुँचाने का प्रयाश किया गया। सबसे पहले आदिवासी द्वारा सन्ति रूप में मानव श्रृंखला बना कर अपनी नाराजगी जताई। धीरे धीरे आदिवासीयो की प्रदर्शन कार्य बढ़ती ही चली गई। सभी आदिवासी मंत्रियों का सॉ यात्रा निकला गया। सरहुल के उपरांत भी विरोध जारी रहा। सरहुल के दिन मुख्य मंत्री और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जी भी सिरमटोली सरना अस्थल में पूजा करने के लिए पहुंचे थे लेकिन आदिवासियों द्वारा काला पट्टा दिखा कर विरोध प्रदर्शन किया गया। जब बात नहीं बनती दिख रही रही है तो आदिवासी संगठन ने फैसला किया की विरोध को बड़े पैमाने पर किया जाएगा। आदिवासी संगठन सभी आदिवासी विधायक और नेता से नाराज़ थे क्यों किसी ने भी आगे आकर हमारे समर्थन में कुछ भी नहीं कहा।आदिवासी संगठन ने सभी 28 विधायक के आवाश का घेराव करने का फैसला किया और सबसे पहले कल्याण मंत्री चमरा लिंडा के आवाश का घेराव किया। गुमला विधयक भूषण तिर्की के आवाश को घेरा गया। उन दोनों विधायक ने किसी भी आदिवासी लोगो से बात बात करने की कोसिस नहीं किया गया। इसके बाद खबर निकलकर आ रही थी की खिजरी विधायक राजेश कछप के आवाश का घेराव का रणनीति बनाया गया था।
आदिवासी के संघर्ष के कारण
siramtoli flyover ramp में आदिवासी के मूल भावनाव को नहीं समझा जा रहा है ,आदिवासी लोगो के धार्मिक आस्था की कोई क़द्र नहीं कर रहा है। रांची में सिरमटोली इस्तित सरना अस्थल के पास रेम्प को उतारने के कारण विरोध प्रदर्शन किया जा रहा। उस रेम्प के उतरने से सरना अस्थल की पवित्रता संकट में आ सकती है। आदिवासिओं का बस इतना ही मांग है की उस रेम्प को या तो थोड़ा आगे उत्तरा जाये या थोड़ा पीछे उतारा जाये। आदिवासी की सबसे प्रमुख सरना अस्थल है ,यहां हर साल सरहुल सोभा यात्रा में लाखों की भीड़ होती है। हमारी केंद्रीय सरना अस्थल प्रभवित होगी तो हमारी धार्मिक अस्तित्वा खरतरा में पढ़ सकती है